निर्गमन 36
36

 1 बसलेल, ओहोलियाब और उन सारे लोगों को जिन्हें याहवेह ने कौशल, समझ, बुद्धि और ज्ञान दिया हैं कि वह पवित्र स्थान को बनाने के कार्य को कैसे करना हैं यह जानते हैं, कि वह व्यक्ति उन कामों को उसी प्रकार से करेंगे जैसे याहवेह ने आज्ञा दी हैं.”

 2 तब मोशेह ने बसलेल, ओहोलियाब और उन सारे लोगों को जिन्हें याहवेह ने कौशल दिया, और जो अपनी इच्छा से सेवकाई करना चाहते थे बुलवाया. 3 इन्होंने मोशेह से इस्राएलियों द्वारा पवित्र स्थान को बनाने के लिये जो भी भेंट लाई गई थी उन चीज़ों को लिया, और लोग सुबह दर सुबह स्वेच्छा से वस्तुएं लाते गये 4 पवित्र स्थान को बनाने में जितने भी योग्य कारीगर थे वह अपने कार्य को छोड़ मोशेह के पास आये 5 उन्होंने मोशेह से कहा, “पवित्र स्थान जैसे याहवेह ने कहा है वैसे बनाने में जितने सामान की ज़रूरत थी लोग उससे कही ज्यादा हमारे पास ला रहें हैं.”

 6 तब मोशेह ने आज्ञा दी और इस बात की पूरी छावनी में घोषणा हुई कि कोई भी स्त्री या पुरुष अब पवित्र स्थान के लिये भेंट स्वरूप कुछ ना लाये. इस प्रकार लोगों को कुछ और न लाने के लिये पाबंद किया गया. 7 क्योंकि अब उनके पास ज़रूरत से ज्यादा सामान हो गया था.

निवास-मंडप का निर्माण

 8 फिर पवित्र स्थान बनाया गया जिसमें दस पर्दे बनाये गये थे, जो बटी हुई मलमल और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से बने थे, और इन पर्दों पर कुशल कारीगरों द्वारा करूबों का चित्र बुना हुआ था. 9 हर पर्दे की लंबाई बारह मीटर साठ सेंटीमीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर हो. हर पर्दा एक ही नाप का हो. 10 उन्होंने पांच पर्दो को एक साथ जोड़कर पांच पांच के दो पर्दे बनाए. 11 पहले पांच पर्दे के किनारी पर तथा इसी तरह दूसरी पांच पर्दे के किनारी पर नीले रंग का फंदा बनाया. 12 एक पर्दे में पचास फंदे और दूसरे में भी पचास फंदे. वे फंदे एक दूसरे के सामने बनाया. 13 फिर सोने की पचास अंकुड़े बनाई और दोनों पर्दों को एक दूसरे से जोड़ दिया; इस प्रकार पवित्र स्थान बन गया.

 14 फिर बकरे के रोमों से ग्यारह पर्दे बनाए जो पवित्र स्थान के ऊपर का हिस्सा था. 15 हर एक पर्दे की लंबाई साढ़े तेरह मीटर तथा चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर थी. सभी ग्यारह पर्दे एक ही नाप के थे. 16 उन्होंने ऐसे पांच पर्दों को एक साथ तथा बाकी छः पर्दों को एक साथ जोड़कर बड़ा कर दिया. 17 और दोनों अलग-अलग पर्दे के एक-एक किनारी पर पचास-पचास फंदे लगाए. 18 और दोनों पर्दों को जोड़ने के लिए कांसे के पचास अंकुड़े बनाए और उन कड़ों पर पर्दा लगाकर पूरा एक हिस्सा बना दिया. 19 तंबू के लिए लाल रंग से रंगी हुई भेडों की खाल का एक ओढ़ना बनाया, और फिर उसके ऊपर लगाने के लिए सूस के चमड़े का एक और ओढ़ना बनाया.

 20 फिर पवित्र स्थान को खड़ा करने के लिए बबूल की लकड़ी के तख्ते बनाए. 21 हर तख्ते की लंबाई साढ़े चार मीटर तथा चौड़ाई साढ़े सड़सठ सेंटीमीटर थी. 22 तख्ते को जोड़ने के लिए दो समानांतर चूल्हे थी. पवित्र स्थान के सब तख्ते इसी तरह बनवाये. 23 उन्होंने पवित्र स्थान के दक्षिण दिशा के लिए बीस तख्ते बनाए. 24 बीस तख्तों के लिए चांदी की चालीस कुर्सियां बनवाई, जो तख्तों के नीचे रखी गई थी. हर तख्ते के नीचे उसकी दो चूलों के लिए दो कुर्सियां बनवाई. 25 और इसी प्रकार उत्तर की ओर भी बीस तख्ते बनाये, 26 और चांदी की चालीस कुर्सियां हर एक तख्ते के नीचे दो कुर्सियां बनाई. 27 पवित्र स्थान के पीछे पश्चिम की ओर छः तख्ते बनाए. 28 और पीछे के भाग के कोनों के लिए दो तख्ते बनाए. 29 कोने के दोनों तख्ते एक साथ जोड़ दिए. तले में दोनों तख्तों की खूंटियां चांदी के एक ही आधार में लगाई और दोनों भाग ऊपर से जुड़ा हुआ और नीचे का भाग अलग था. 30 इस प्रकार आठ तख्ते बनवाये, जिसके नीचे चांदी की सोलह कुर्सियां थी, हर तख्ते के नीचे दो कुर्सियां थी.

 31 फिर बबूल की लकड़ी की छड़ें बनाए, पवित्र स्थान की दूसरी तरफ की तख्ते के लिए पांच छड़ें बनवाए 32 तथा पवित्र स्थान की दूसरी तरफ की तख्तों के लिए पांच कड़े तथा पवित्र स्थान के पश्चिमी दिशा के तख्ते के लिए पांच कड़े बनाए. 33 तख्ते के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए तख्ते के बीच में कड़े बनाए. 34 तख्तों के ऊपर सोना लगवाया और कड़े में भी सोना लगावाया. लकड़े की डंड़ीयों को भी सोना लगवाया.

 35 फिर नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बटी हुई मलमल से एक बीच वाला पर्दा बनाए, जिस पर कढ़ाई के काम द्वारा करूबों के रूप ब बनाए. 36 उसने बबूल की लकड़ी के चार खंभे बनाए और उसके ऊपर सोना लगाया. इन खंभों पर उसने उन पर्दे के लिए सोने की कड़ियां और चांदी के चार कुर्सियां बनाए. 37 तंबू के द्वार के लिए नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ो का तथा बटी हुई बारीक़ सनी वाले कपड़ो की कढ़ाई का काम किया हुआ एक पर्दा बनवाया. 38 और पांच खंभे बनाए खंभे के ऊपर और नीचे के हिस्से में सोना लगाया, उनकी पट्टियां सोने से बनाई गई तथा उनकी पांचों कुर्सियां कांसे की बनाई.